नीम का पेड़

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ज़िन्दगी की हज़ारों षामों की तरह ही आज की शाम भी ढलने को थी । सूरज उसके आंगन के नीम के पेड़ के पीछे छिपने को था । बस पेड़ की ओट में आते-आते ही दिन का उजाला खत्म होने लगता है । मगर कल.....कल ना ये पेड़ होगा और ना ही सांझ के उतरने का उसे पता चलेगा । वो पेड़ जिसे उसकी पत्नी काजल ने उनकी शादी की पहली वर्षगांठ की यादगार के रूप में लगाया था । उससे बोली थी, “जानते हैं अपनी शादी की पहली सालगिरह के तोहफ़े में आपसे एक अनमोल तोहफ़ा मांगने वाली हूं ।”