भवितव्य

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भवितव्य:शाम को कश्यप के यहाँ जाना हुआ। चाय पी रहे थे। मैंने कश्यप से पूछ लिया, आपकी उम्र कितनी हो गयी है? वे बोले, अस्सी चल रहा है। दिसम्बर में अस्सी हो जायेंगे। फिर वे अपनी बिमारियों के बारे में बताने लगे। सामने उनकी पत्नी उषा बैठी थी। वह बोल उठी, अब कितना बचने का है। अस्सी तो हो गये हैं। वे पत्नी की बात अनसुना कर अपनी बिमारियों के बारे में बताते जाते हैं। तीनों बच्चे अलग-अलग रहते हैं।सबका अपना परिवार है।मैंने उनसे नीरज के बारे में पूछा। वे बीस साल पहले मेरे पड़ोसी थे। मैं किराये में रहता