कमान्डो - 3 - फिल्म रिव्यू ‘- एक्शन का धमाका या फिर.. फूस्स्स..?  

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विद्युत जामवाल की ‘कमान्डो 1’ और ‘कमान्डो 2’ कोई बहोत बडी हिट नहीं थीं, फिर भी ‘कमान्डो 3’ बनाई गई. क्यों..? कोशिश करते है जानने की. शुरुआत करते है ‘कमान्डो 3’ की कहानी से… बराक अन्सारी (गुलशन देवइया) एक जेहादी मुसलमान है जिसने हिन्दुस्तान को बर्बाद करने की ठान ली है. दशहरे के दिन भारत के पांच अलग अलग शहेरों में आतंकवादी हमले करवाने का उसका प्लान है. किसी तरह भारत सरकार को इस साजिस का पता चलता है. अन्सारी को ढूंढकर उसे खत्म करने का मिशन देश के होनहार कमांडो करन सिंह डोगरा (विद्युत जामवाल) को सोंपा जाता है.