व्यर्थ जीवन

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सिर्फ बीस साल पहले मैं एक ताकतवर शख्स था।मेरा बेटा मेरे साथ था।मेरा पहलवान बेटा, मेरा शारीरिक ताकत से लबालब,ठोस शरीर लिए मेरा बेटा मुझे जीसस ने दिया था।क्या नहीं चलाना जानता था वह।मोटरसाइकिल, बुलेट,कार, फोरव्हीलर, ट्रक,बस!सब!!कुछ भी चला लेता था वह।हैवी लाइसेंस था उसके पास।पांच साल दुबई,शारजाह,सऊदी,लीबिया कहां कहां की खाक छानता हुआ मेरा बेटा।पिता की अनुरोध भरी चिठियों की वजह से इंडिया लौट आया था।मैं तेजी से बूढा हो रहा था।फरीदाबाद के मिशन स्कूल की क्लर्की ने मेरी जवानी के दिन चूस लिए थे। मेरी पत्नी मुझे छोड़ जीसस की करुणामयी शरण मे कब की जा चुकी थी।सेंट