विद्रोहिणी - 13

  • 3.9k
  • 1.5k

कोर्ट में केस हारने के बाद पड़ौसी बुरी तरह डर गए थे। जज ने उन्हें फिर से मुकदमा दायर होने की स्थिति में जेल में डालने की धमकी दी थी । वे अब श्यामा से बचकर निकलते थे। बाजी पलट चुकी थी । उन्हे देखकर श्यामा खरीखोटी सुनाने लगती । वे उससे मुंह छुपाकर बच निकलते। किन्तु वे मन ही मन इर्ष्या की आग में जल रहे थे I वे श्यामा से किसी तरह बदले की ताक में थे। ऐक दिन चंद्रा ने श्यामा के छोटे भाई सत्या से कहा, ‘ सत्या तुम्हारी बहिन खुलेआम गैर मर्द के साथ रह रही है। तुम्हारे लिए ये बात बड़े शर्म की है। मेरी बहिन एसा करती तो मै उसे जान से मर डालता I ’ सत्या को यह ताना दिल में चुभ गया। वह पहली मंजिल पर रहता था। उसने श्यामा को आवाज लगाई,