कौन दिलों की जाने! - 15

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कौन दिलों की जाने! पन्द्रह अंजनि बच्चों सहित नाश्ता करने के पश्चात्‌ वापस चली गई। उन्हें विदाकर रमेश भी अपने ऑफिस चला गया। जब लच्छमी अपना काम करके जा चुकी तो रानी ने सोचा, आलोक को सारे घटनाक्रम से अवगत करवाना चाहिये, क्योंकि आलोक प्रतिभावान्‌ व बुद्धिमान होने के साथ—साथ धैर्यवान और प्रत्युत्पन्नमति व्यक्ति है। उसका सबसे बड़ा गुण है कि वह सदैव निर्द्वन्द्व रहता है, चिंता उसे छूती तक नहीं। वह सभी बातों का सही परिप्रेक्ष्य में आकलन कर जो राय देगा, वही समीचीन होगी। यही सब सोचकर उसने आलोक को फोन किया — ‘आलोक, फुर्सत में हो या