सखी होली आ रही है

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सखी होली आने वाली हैबसंत पंचमी आ चुकी है . बसंत यानि उमंग .बसंत यानि तरंग . एक विभोर, एक हिलौर ,एक हलक, एक हुलस का पर्व . मन में तन में आस-पास के वातावरण में रंग ही रंग का पर्व . आसमान में उडती रंग बिरंगी पतंगों की जादुई दुनिया . कहीं ढील तो कहीं कसाव . उपर से वो मारा वो कटी का शोर .एक एक पेंच पर ललकारे और जयकारे . गिरती पतंग की लूट और पा जाने का विजयी भाव .पतंग कहीं कहीं अब भी उड़ाई जाती है त्यौहार के शगुन के तौर पर . छुट्टी