संन्यासी

  • 4.8k
  • 1.3k

संन्यासी-कहानी व ह लगातार गौतम महाराज पर किचड़ उछाल रहा था। महाराज के शिष्य क्रोधित थे। उन्हें मात्र महाराज की अनुमति चाहिए थी। इतने में ही वे उस युवक की जीवनलीला समाप्त कर सकते थे। किन्तु गौतम महाराज शांत थे। गौतम महाराज ढोंगी है, पाखण्डी है। लोगों को मुर्ख बनाकर उनसे पैसे ऐंठता है। संजय नामक युवक अभी भी चीख रहा था। वह नशे में था। सुमित्रा का संजय से अलगाव चल रहा था। जो महाराज के आश्रम में ही काम करती थी। सुमित्रा ने संजय के चाल-चलन से परेशान होकर उसका परित्याग कर दिया। आत्मशांति के लिये वह गौतम