कौन दिलों की जाने! - 38

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कौन दिलों की जाने! अठतीस जैसी रानी को आशंका थी, रात से ही हल्की—हल्की बूँदाबाँदी होने लग गई। सुबह कोर्ट के लिये निकलने के समय तक भी जारी थी। आलोक ने कोर्ट तक साथ जाने की कही तो रानी ने उसे फ्लैट पर ही रहने के लिये कहा और स्वयं कार चलाकर निकल गई। कोर्ट में सब काम ठीक से निपट गया। एक बार जज साहब ने रमेेश और रानी को अवश्य कहा कि आखिरी मौका है, अब भी आप अपनी अर्जी वापस ले सकते हैं। लेकिन जब रमेेश और रानी ने कहा कि अर्जी पूरी तरह सोच—विचार कर ही