कौन दिलों की जाने! - 39

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कौन दिलों की जाने! उनतालीस कँपकँपाने वाली ठंड चाहे नहीं रही थी, फिर भी सुबह की चाय रजाई में बैठकर ही पीने को मन करता था। चाय पीते हुए रानी ने आलोक से कहा — ‘अब क्योंकि मैरिज़ रजिस्ट्रेशन के लिये एप्लीकेशन लग चुकी है, हमें अपने बच्चों को भी सूचित कर देना चाहिये। साथ ही उनसे रजिस्ट्रेशन वाले दिन आने के लिये भी अनुरोध करना चाहिये। क्या विनय को भी सूचित करना चाहिये? दफ्तरी कार्रवाई पूरी होने के बाद उस दिन शाम को लिमिटिड सी गैदरग करके सेलिब्रेट कर सकते हैं।' ‘तुम्हें लगता है कि अंजनि और संजना आयेंगी?