कुबेर - 4

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कुबेर डॉ. हंसा दीप 4 और सचमुच इस तरह दूसरों का काम भी धन्नू अपने ऊपर ले लेता ताकि कोई भी किसी तकलीफ़ में न रहे। एक बार जब बीरू की उँगली कट गयी थी तब उसका सारा काम धन्नू ने ही सम्हाला था। तब से आज तक बीरू उसे भाई कहता था और उसने कभी अपने भाई को किसी शिकायत का मौका नहीं दिया था। धीरे-धीरे बीरू और छोटू भी धन्नू का ध्यान रखने लगे जिसके बोए नेह के बीज धीरे-धीरे अंकुरित हो रहे थे। यूँ अपनी सहृदयता से सबके मन में उसके लिए जगह बनने लगी थी। यदा-कदा