वक़्त महल

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भयंकर गर्मी के कारण बाहर धूप में किसी परिंदे के भी पर मारने की आवाज़ नहीं आ रही थी। महल की ऊपरी मंज़िल पर कुछ लड़के दीवारों की घिसाई के लिए बड़े कक्ष में इधर उधर काम में लगे दिखाई देते थे। दीवारों से उड़ती धूल मिट्टी के कारण कमरे के तमाम पंखे तक बंद थे। ऐसे में मज़दूर लड़कों के पास गर्मी से निजात पाने का एक ही उपाय था कि अपने अपने कपड़े उतार कर बरामदे की खूंटियों पर टांग दें और नंगे बदन, बालों को चूने मिट्टी से बचाने के लिए फटे पुराने रुमालों से ढके हुए,किनारे