शहर में घूमता हुआ आईना

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चौक पर बस धीमे हुई और एक चौबीस वर्ष का नवयुवक कूदकर उतरा।उतरकर वह बाजार को जाती हुई सड़क के किनारे से तीन दुकान छोड़कर न्यूज़ पेपर एजेंट दीनबंधु एजेंसी में घुस गया।छोटे शहरों में ये गली गली दुकान दुकान अखबार सप्लाई करने वाले विक्रेता ही पत्रकार समझे जाते हैं।दुआ सलाम हुई।दीनबंधु ने कहा,"ललित पवन जी आपकी कविता आज के दैनिक जागरण में लगवा दी है।मिठाई खिलाओ।"ललित पवन नाम के इस कवि का असली नाम लाला राम वर्मा था और पेशे से वह एडवोकेट था।रेवाड़ी जिला अदालत में वह बैठा करता था।उसकी प्रेक्टिस बस इतनी ही थी कि जेब खर्च