कच्चा गोश्त - 1

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कच्चा गोश्त ज़किया ज़ुबैरी (1) बित्ते भर का क़द और दस गिरह लम्बी ज़बान!... और जब यह ज़बान कतरनी की भांति चलती तो बृज बिहारी बहादुर भी बगलें झांकते दिखाई देते। भिड़ के छत्ते को छेड़ने से पहले सोचना चाहिए था न कि पंचायत के सरपंच बने बैठे हैं। और दबदबा ऐसा क