कर्म पथ पर - 7

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कर्म पथ पर Chapter 7आरंभ में वृंदा को हिंद प्रभात का काम संभालने में कुछ मुशकिल हुई थी। अब तक वह केवल लेख लिखती रही थी। लेकिन यहाँ उसकी ज़िम्मेदारी बड़ी थी। पर उसने इस काम को ही अपने जीवन का मकसद बना लिया था। उसमें सीखने की लगन थी और भुवनदा एक सुलझे हुए शिक्षक। अतः कुछ दिनों में ही वह बहुत कुछ सीख गई। हिंद प्रभात रोज़ अपने क्रांतिकारी विचारों के साथ पाठकों तक पहुँचता था।