क्रान्तिकारी - 2

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क्रान्तिकारी (2) शांतनु भी उन लाखों दिल्लीवासियों में से एक था जो नौकरी की तलाश में इस महानगर में आते हैं. वैसे वह पटना के एक गांव में जन्मा और उसने पटना विश्वविद्यालय से एम.ए. तक की शिक्षा प्राप्त की थी. एक भूमिपति भूमिहार के बेटे को नौकरी की आवश्यकता नहीं थी. पिता भी यही चाहते थे कि शांतनु पटना में रहकर कोई व्यापार करे. पूंजी की कमी थी नहीं और शांतनु भी पटना छोड़ना नहीं चाहता था. वहां की स्थानीय राजनीति में उसे रस मिलने लगा था और साहित्यिक गतिविधियों में भी वह सक्रिय होने लगा था. पटना और