रात का सूरजमुखी - 11

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रात का सूरजमुखी अध्याय 11 "क्यों जी...?" "टेबल लैंप के प्रकाश में एक सप्ताहिक पत्रिका को पढ़ते हुए राघवन बैठा था, पत्नी की आवाज सुनकर पलटा। "क्या बात है कल्पना ?" "आप कैसे पुस्तक पढ़ सकते हैं ?" "क्यों ऐसा पूछ रही हो ?" "इंस्पेक्टर ने जो दो दिन का समय दिया वह कल सुबह 6:00 बजे खत्म हो जाएगा..... शांता का हत्यारा कौन है पता नहीं चला!" "मुझे पता है हत्यारा कौन है ?" "कौन है ?" "मेरा भाई बापू ही है !" "आप ही ऐसे बोलोगे तो कैसे चलेगा ?" "कल्पना ! बाबू के बारे में तुम्हें कुछ