मेरे हिस्से की धूप - 2

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मेरे हिस्से की धूप ज़किया ज़ुबैरी (2) अम्मा का पेट अकसर फूला और जी कांपता रहता कि वह दूसरी लड़कियों को कैसे संभालेगी। अगर रानी को लगाम न लगा सकी तो होगा क्या ? चुन्नी – मुन्नी तो पैदा होते ही पोलियो की मार खा गईं। आजतक घिसट घिसट कर चल लेती हैं, तो वो भी अल्लाह मियाँ की कृपा ही है। वर्ना इन चारों टांगों की भी देखभाल करनी पड़ती। कौन देता पहरा इतनी सारी लड़कियों की किस्मत पर ? लड़कियों के तो देखते ही देखते पंख निकल आते हैं – चिड़ियों की तरह आज़ाद उड़ना चाहती हैं। पता