भीड़ में - 2

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भीड़ में (2) उन्होंने तीन महीने के अन्दर ही चुपचाप पड़ोसी गांव के शिवधार यादव को खेत बेच दिए थे. इस प्रकार गांव से नाता टूट गया था. गांव आज भी उनके जेहन में मौजूद है. लेकिन उस दिन के बाद वे गांव नहीं गए. खेत बेचकर गोविन्दनगर में प्लाट लिया था और रहने योग्य मकान बनवा लिया. इतना सब होने तक रमेन्द्र और बड़ी बेटी का जन्म हो चुका था. एल.एल.बी के बाद उन्होंने क्लर्की छोड़ दी थी. सोचा था कि प्रैक्टिस करेंगे, लेकिन तभी इन्कम टैक्स विभाग में जगहें निकलीं और कुछ मित्रो की सलाह पर आवेदन कर