ब्याह ??? - 2 - अंतिम भाग

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ब्याह ??? (2) “ मौसी, आज सारी दुनिया के लिए मैं ही गुनहगार बना दी गयी मगर यदि आप सत्य जानतीं तो कभी ऐसा न कहतीं बल्कि उस पूरे परिवार से घृणा करतीं ऐसे लोग समाज पर बोझ हुआ करते हैं मगर जाने इनके झूठ कैसे परवान चढ जाया करते हैं और एक स्त्री के सच भी जाने किन कब्रों में दफ़न कर दिये जाते हैं कि वो सच कहना भी चाहे तो उसे झूठ का लिबास पहना दिया जाता है और कलंकित सिद्ध कर दिया जाता है । “ “मौसीस दिन मैने डोली से नीचे पाँव रखा उस दिन