अगले चौराहे पर

  • 3.6k
  • 1.4k

अगले चौराहे पर असलम मकान ढूंढते ढूंढते तंग हो गया। जो मकान उसे पसंद आता था उसका किराया उसकी पहुंच से बाहर होता था और जिस मकान का किराया उसे जमता था वह मकान उसेपसंद नहीं आता था । मकान मालिक लगातार मकान खाली करने पर जोर डाल रहा है, आखिर उसे वहां दुकानें बनवानी हैं। अब की एक सप्ताह की मोहलत दी है। पूरेजोर से ढूंढ रहा था वह मकान। इस इलाके में मकान तो बहुत हैं पर ज्यादातर भरे हुए और खाली हैं तो किराया अनाप-शनाप। पुराने शहर में मिल जाते हैं परवहां से फैक्ट्री बहुत दूर हो जाएगी।