कुबेर - 25

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कुबेर डॉ. हंसा दीप 25 भाईजी की बातों से जहाँ अनुभव छलकता था तो वहीं डीपी उनके अनुभव को भुनाने के लिए प्रश्न पर प्रश्न दाग देता था। “जी हाँ भाईजी, मैं पूरी तरह सहमत हूँ आपके मंतव्य से। मगर ख़तरा कितने प्रतिशत हो तो आगे बढ़ना चाहिए। एक अंदाज़ आप बता सकें तो कुछ रास्ता दिखे कि इतनी राशि का बंदोबस्त मैं कर भी पाऊँगा या नहीं।” डीपी के सवाल का सीधा-सादा मतलब यही था कि अगर उसके पास इतना पैसा ही नहीं हुआ तो फिर समय की बरबादी क्यों की जाए। अपनी चादर के अंदर ही पैर रहें