घेराव - 3 - अंतिम भाग

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घेराव (कहानी पंकज सुबीर) (3) ‘तीन चार हज़ार तो होने ही चाहिए। हमने इसको राजनैतिक रूप नहीं दिया है, हर सच्चे हिंदू को बुलाया है जिसे भी लगता है कि मुसलमानों के इशारे पर एक तेरह साल के मासूम हिंदू बच्चे के खिलाफ प्रकरण दर्ज करना हमारी अस्मिता पर प्रहार है वह हमारे साथ साथ आए हमने एसा निवेदन किया है।’ उस व्यक्ति का चेहरा कुछ तन गया। ‘लड़के की गिरफ़्तारी हो गई ?’ समीर ने प्रश्न किया। ‘एसे कैसे हो जएगी, आग नहीं लगा देंगे थाने को’ उस व्यक्ति का चेहरा पूर्णतः भगवा हो चुका था। ‘आप नहीं आ