दायरों के दरम्यां

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दायरों के दरम्यां अचानक सुबह फोन बजा तो अब्बा चैंक पड़े। रिसीव किया तो पता चला अगले महीने अफजल यू.पी. आ रहा है। बता रहा था कि -‘‘ अब्बू, अगर अल्लाह ने चाहा तो मैं अगले महीने की 12 तारख तक आ जाउंगा।‘‘ अब्बू फोन लिए-लिए ही मुँह ताकती पत्नी आमना बेगम से फुसफुसाए- ‘‘ अफजल आ रहा है।‘‘ और आमना बेगम ने लपक कर फोन की बलाएं ले लीं। बहने चिंहुंक उठीं। फिर क्या था महीने भर पहले से ही घर की सफाई सुथराई शुरू हो गई। पर्दे चादरें सब खरीदी जाने लगीं। अफजल, उमर साहब की पहली औलाद