मौसम चुनाव का

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राजनीति अब काली कोठरी है। सत्ता सुख आज परम सुख माना जा रहा है। राजनीति में शरण लेना हमेशा मुनाफा का ज़रिया है आज का दिन में। राजनीति में शरण लेने का आनंद मानो स्वर्ग में अपसरा मिल गई हो और राजनीति के स्वर्ग की अपसरा को हासिल करना बिना राजनाति के काल कोठरी में घुसे संभव नही है। तिगड़मबाज़ी, झुठावादा, जाति, वंशवाद से राजनीति का घिनौना खेल चल रहा है। इनके वादे रुपी नदी के जल में जनता डूब रही है पर जनता की प्यास नहीं बुझती। कुंभकरण को सोने के अलावा कुछ दिखता नही था, वहीं हाल नेताओं