कुबेर - 33

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कुबेर डॉ. हंसा दीप 33 धीमी गति से ही सही ये परेशानियों भरे दिन निकल रहे थे। धीरम के लिए न जाने कितने लोगों की दुआएँ काम आयीं। तक़रीबन दो महीने के बाद एक अच्छी ख़बर मिली अस्पताल से कि – “धीरम अब घर जा सकता है।” यह सुनने के लिए कान तरस गए थे, ऐसा लगा जैसे इस किरण से उजाला हो ही जाएगा। यद्यपि यह उसके पूर्णत: स्वस्थ होने का संकेत नहीं था मगर हाँ, वह खतरे की स्थिति से बाहर था। उसका शरीर उस स्थिति से अभी और अधिक शक्तिहीन और पीला पड़ गया था जिस स्थिति