प्रेम दो दिलो का - 6

(11)
  • 4.1k
  • 1.4k

निर्मल खुश तो बहुत है लेकिन वह अपनी ख़ुशी जाहिर नहीं कर सकता, वह चुप चाप जाकर दूसरे कमरे में रमन और रूबी को पड़ने लगता है । नीरू को जाने जैसे किसी ने पानी से भिगो दिया हो वो समझ नहीं पा रही है कि उसने किया क्या है? वह पास में रखी कुर्सी पर बैठ गई क्यों निर्मल चला गया वह क्या सोच रहा होगा कि इस तरह का बरताव कैसे कर सकती हूं! बहुत सोचने के बाद उस कमरे मे जाती है जहा निर्मल उसके भाई बहन को पड़ा रहा होता है नीरू को देख निर्मल थोड़ा