बहती रहना माँ गंगा

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अपना अंतिम पर्चा खत्म करके जैसे ही नैना परीक्षा-भवन से निकली उसकी सहेलियों ने उसे घेर लिया। "अरे सुन नैना, हम सबने छुट्टियों में गोवा जाने की योजना बनायी है। तू भी हमारे साथ चल रही है।" सबने समवेत स्वर में कहा। उनकी बात सुनकर नैना का चेहरा खिल उठा। लेकिन तभी कुछ याद आते ही उसने उदास स्वर में कहा "नहीं यार, इस बार मैं तुम लोगों के साथ नहीं जा सकती। माँ ने पहले ही छुट्टी की योजना बना ली है।" "इस बार क्या, हर बार तू यही कहती है। जा तू अपनी माँ के साथ ही जा।