कर्ण

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सुबह की सुहानी धूप में बैठ पंकज चाय की चुस्कियों का आनंद ले ही रहा था की तभी उसकी मां भागी भागी आई और बोली कि बहू की हालत खराब हो गई है, इसी वक़्त हस्पताल ले जाना पड़ेगा । पंकज बेतहाशा शारदा के कमरे की ओर दौड़ा और उसे बाहों में लेकर जल्दी से कार में बैठाकर हस्पताल की ओर चल दिया । हस्पताल पहुंचते ही इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवाया और डाक्टर साब को तलब किया गया । डॉक्टर ने आकर शारदा की जांच की और बोले - " ऑपरेशन करना पड़ेगा "। शारदा को तुरंत ऑपरेशन थियेटर