कुबेर - 40

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कुबेर डॉ. हंसा दीप 40 भाईजी जॉन ने एक सुझाव दिया डीपी को, छोटा-सा अवकाश लेने का। विचार बुरा नहीं था क्योंकि पिछला बीता हुआ समय ऐसा था जो दिमाग़ की नसों को ख़ूब खींच कर, दम निकाल कर बीता था। बीते दिन बहुत तनावों से भरे दिन थे। वे दिन बीत तो गए थे पर अपनी छाप हमेशा के लिए छोड़ गए थे। भाईजी का कहना था – “थोड़ा-सा बदलाव मानसपटल के लिए बेहतर होगा।” एक आराम के लिए एक विराम लेने का विचार अच्छा था। अब, जब सब कुछ वापस सामान्य हो गया था तो डीपी को थोड़ा