रिसते घाव - भाग -१५

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अगली सुबह जब राजीव सोकर उठा तो कल की पूरी बात अब तक उसके जेहन में घूम रही थी । इसी बात को लेकर वह रात को ठीक से सो भी नहीं पाया था । सिर भारी होने से उसने आज ऑफिस न जाने का फैसला कर लिया और परेशान कर रही बात को एक फैसले तक ले आने का निश्चय कर लिया ।‘रागिनी, मैं सोच रहा हूँ जो श्वेता कर रही है उसमें कुछ गलत भी नहीं है । एक बार उसे खुद अनुभव कर लेने दो कि जिन्दगी की सच्चाई इतनी आसान नहीं होती ।’ रागिनी ने जैसे