एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम.....

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एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम..... “अरे भई चाय मिलेगी की नहीं आज की तारीख में.” अखबार से नजरें हटाकर रसोईघर की टोह लेते हुए प्रकाश ने ऊँची आवाज में पूछा. कोई जवाब नहीं आया. प्रकाश रसोईघर के दरवाजे की तरफ देखते रहे. कुछ पलों बाद दुबारा आवाज देने ही वाले थे की आशा एक ट्रे में चाय के दो कप लिए आते दिखी. टेबल पर ट्रे रखकर आशा ने एक कप प्रकाश को दिया और दूसरा कप खुद लेकर सामने वाले सोफे पर बैठ गयी. सुबह बड़ी खुशनुमा थी. अक्टूबर की सुबहें वैसे भी बड़ी मनोहारी होती हैं. बरसात के बाद का