काश ! में समज पाता

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काश ! में समज पाता प्रणव और प्रेरणा, कॉलेज की हर दिवार सुना रही थी। इनकी प्रेम कहानी हां ऐसा लगता था कि "मेड फॉर इच अधर"। प्रणव समजदार और संस्कारी लड़का था । उसके पापा दिन को रात कहे रात , रात को दिन कहे तो दिन हो जाता था। बहोत खूबसूरत लड़कियों के प्रपोजल को ठुकरानेवाला प्रेरणा को देख्तेही दिल दे बैठा , अपनी हर सांस पर प्रेरणा का नाम लिख दिया । प्रेरणा कि ना भी कब हां में बदल गयी पता ही नहीं चला। प्रेरणा अमीर घराने कि लाड़ली पर बिगड़ी हुई बेटी नहीं थी, संस्कार