कुबेर - 46

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कुबेर डॉ. हंसा दीप 46 दिन भर की मीटिंगों में, सेमिनारों में अपने जैसे कई सूट-बूट से लेस ऐसे हमउम्र दिखाई देते जो उनकी तरह ही दिन के हर पहर में तेज़ी से अपने काम निपटाते। एक अपने ही गाँव के वे लोग थे जो चालीस-पचास की उम्र तक आते-आते अस्सी के दिखने लगते। पत्थरों से भरी ज़मीन पर जुताई करते-करते वे सारे कंधे झुक जाते। एक ये लोग हैं, सूट-बूट से लदे अस्सी साल के बूढ़े जो चालीस-पचास जैसे आकर्षक औऱ ऊर्जावान दिखते। ढीले पड़ते शरीर को कसे हुए सूट पहनकर अस्सी साल का आदमी भी अंदर से ताक़त