चिंटु - 37 - अंतिम भाग

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सुमति के दिल पर किसी ने वजन रख दिया हो ऐसे सांस फूलने लगती है। वह उठकर किचन में चली जाती है। पुनिश भी उसके पीछे गया। सुमति को खांसते हुए देख वह उसे पानी पिलाता है और पूछता है- आर यू ओके? सुमति- जी, मै ठीक हुं। मुजे तुमसे बात करनी थी। पुनिश- हां, बोलो। सुमति- दरअसल.. वह बोलने जा रही थी तभी पुनिश की मम्मी वहा आ गए। वह सुमति से कहती है- तुम्हारे मम्मी पापा घर जा रहे है। अगर तुम रुकना चाहती हो तो पुनिश तुम्हे घर छोड़ देगा। और अगर तुम यहां रुकना चाहती हो