आधा आदमी - 11

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आधा आदमी अध्‍याय-11 वह मुझे छोड़कर सन्नो को पीटने लगा। मैं मौका पाते ही पहरे के झुण्ड में घुस गया। चाँदनी रात होने के कारण मुझे पहरे के अंदर से दिखाई पड़ रहा था। सन्नो जमीन पर औधे मुँह पड़ी सिसक रही थी। वह भीम जैसा आदमी उसे मारते खींच ले गया। मैं चाहकर भी उसे बचा न पाया। सुबह होने से पहले ही मैं पहरे से बाहर आ गया। और मर्दाना कपड़ा पहन कर, पैदल ही चल पड़ा। लगभग बीस किलोमीटर चलने के बाद मेरे पैरों में सूजन आ गया था। मेरी हिम्मत जवाब देने लगी थी। प्यास के