होने से न होने तक - 34

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होने से न होने तक 34. लड़कियों को बता दिया गया था कि अब की से चार दिन का डे कैम्प नाट्य सभागृह मे होगा। कैंण्टीन इंन्चार्ज को बुला कर रिफ्रैश्मैंट के ढाई सौ पैकेट ग्यारह से चौदह जनवरी तक नाट्यालय में पहुंचाने के लिये बता दिया गया था। मानसी बड़बड़यी थीं,‘‘लो भईया फेको नाली में सरकार का पैसा। क्या बढ़िया समाज सेवा है।’’ प्रियंवदा सिन्हा मधुर सा हॅसी थीं,‘‘मानसी तुमऽ भीऽऽ। ख़ुद ही सुझाती हो और ख़ुद ही बड़बड़ाती हो।’’ ‘‘और क्या’’ मानसी ने दीपा दी की तरफ देखा था,‘‘दीदी के कारण सुझाया था और उनके कारण बड़बड़ा रहे