बेवकूफ-लड़का

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बेवकूफ-लड़का सुबह-सुबह उसकी पत्नी के पेट में मरोड़ के साथ तेज दर्द उठा था, फिर शान्त हो गया। उसे ध्यान आया कि डाॅक्टरनी जी ने कहा था, ‘नवां महीना चल रहा है, रात-बिरात जब भी दर्द उठे, इन्हें अस्पताल ले आइयेगा।’ डाॅक्टरनी जी की हिदायत का ध्यान आते ही उसने सोचा, यदि दर्द बढ़ गया तो, अस्पताल ले जाने में दिक्कत हो सकती है। उसने शहर में ही रह रहे स्वजनों को फोन किया। फौरन फटफटिया निकाली। जरूरी दवाइयांॅ, जो भी पैसे घर में थे, उन्हें अपनी जेब के हवाले करते, आवश्यक कपड़े-लत्ते इत्यादि डिग्गी में रखते, पत्नी को फटफटिया