शेष भाग आगामी अंक में

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‘शेष भाग आगामी अंक में’, उन गौरैय्यों के इधर-उधर फुदकते दाना चुगते, चहचहाने, की वजह से हाथ में ली हुई डाॅयरी में कुछ नोट करते, नवाजुद्दीन साहब का ध्यान अचानक भंग हुआ था। हर रोज की तरह, बेगम द्वारा आंॅगन में चांॅपाकल के पास तश्तरी में रखे चावल के कनों को चंुॅगने वास्ते, गौरैय्यों का एक झुण्ड आंॅगन में उतरा था। गौरैय्यों के कलरव से नवाजुद्दीन साहब के सोच-विचार का क्रम टूटा था। पैर में फ्रैक्चर की वजह से बीते सप्ताह वो अस्पताल में भर्ती रहे। उस दिन वहांॅ मौजूद लोग कितने असहिष्णु हो गये थे? याद आता है तो