शहादत

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शाम के 6 बज रहे हैं। श्यामलाल धीरे धीरे कदमों से घर को लौट रहे थे, घर के मोड़ पर पहुँचे तो सामने अपने द्वार पर बैठे ननकू ने टोका,’ का श्यामलाल कछु बात बनी कि नाहीं’। अपने कदमों पर नजर गड़ाये श्यामलाल ने नजर उठाकर ननकू को देखा असहमति में सिर हिलाया और पुनः सिर नीचे कर आगे बढ़ गये।श्यामलाल उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में स्थित एक गाँव रामपुर के निवासी हैं, पेशे से किसान हैं। कहने को खेतिहर हैं चार बीघा के लेकिन उपज और लागत का अनुपात लगभग बराबर है। इसलिए मुनाफा नाम भर का जैसे