कर्म पथ पर - 54

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कर्म पथ पर Chapter 54जय और मदन कमरे में लेटे हुए थे। आज दोनों ही बहुत थक गए थे। पूरा दिन भागदौड़ से भरा रहा।मदन हिंद प्रभात की प्रतियों के वितरण के लिए गया था। कुछ देर के लिए अपने घर भी गया था। लौटते हुए शाम हो गई थी। जय को विष्णु के काम से अचानक मौरांवां जाना पड़ा। पूरा दिन वहीं लग गया। वह बहुत थक गया था। भुवनदा के घर खाना खाकर दोनों कुछ ही समय पहले