समंदर और सफेद गुलाब - 2 - 2

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समंदर और सफेद गुलाब 2 पता नहीं क्यों मुम्बई मेरे दिलो-दिमाग से निकलती ही नहीं थी। मुम्बई नगरी का कीड़ा मेरे दिमाग में घुसा हुआ था। हालांकि मैं रेडियो स्टेशन और टी.वी. पर कार्यक्रम करता ही रहता था। ऑल इंडिया रेडियो पर कई नाटक भी किए थे। वैसे तो मैं थिएटर भी करता था लेकिन समय के अभाव के चलते स्टेज पर नाटक करने बंद कर दिए थे। दिमाग में घुसे मुम्बई के इस कीड़े के चलते शादी के कुछ समय बाद ही मुम्बई जाने की तीव्र इच्छा ने मुझे फिर से जकड़ लिया था। मुझे लगता था, मुंबई मेरी