प्रेम - दर्द की खाई ( भाग -4)

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माँ की यादें वंदना को अपनी ज़िंदगी में खुश थी ।वो अपनी छोटी सी दुनिया आने पापा के साथ खुश रहा करती थी कालेज की कुछ बातें भी वो अपने पापा आए बता दिया करती थी। कुछ दिनों से उसके पापा उदास थे। वंदना से बात से बात करते मगर वो चाहकर कर भी वंदना से अपने चेहरे की उदासी छुपा नहीं पाए। वंदना को उनकी ये उदासी अब नज़र आने लगी थी। एक दिन वंदना ने पापा से इस उदासी की वजह पूछनी चाही मगर ।वो पूछ ना पाई। कुछ दिन और बीत गए। अब तो जैसे वंदना से बर्दाश्त