गुजरात के रन की सूखी ज़मीन में जल के लिए आर्तनाद

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फ़िल्म समीक्षा `` गुजरात के रन की सूखी ज़मीन में `जल `के लिए आर्तनाद`` [ ऑस्कर पुरस्कार के लिये नामांकित ] [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] `जल `फ़िल्म आरम्भ ही होती है रन की फटी हुई धरती पर चलते कैमरे से व पानी मिल जाने की आस की छटपटाहट से .हीरो बक्का धूल से लतपथ कुँआ खोद रहा है नीचे बहुत नीचे गड्ढे में .उसकी गर्भवती पत्नी केसर प्यास से धूल में लेटी तड़प रही है ,बक्का ! पानी दे ----- बक्का !पानी दे ---- बक्का !मेरे बच्चे को बचा ले`` ----बक्का अपनी पत्‍‌नी के उदर में पलती अपनी संतान को