मन की बात - 3 - मेरे भैया

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सावन का महीना था। दोपहर के 3:00 बजे थे। रिमझिम शुरू होने से मौसम सुहावना पर बाजार सुनसान हो गया था।एक साइबर कैफे में काम करने वाले तीनों युवक चाय मंगा पर चुस्कियां ले रहे थे। अंदर केबिन में एक-दो बच्चे वीडियो गेम खेलने में मस्त थे तथा कुछ किशोर दोपहर की वीरानगी का लाभ उठाकर मनपसंद साइट खोल कर बैठे थे। तभी वहां एक महिला ने प्रवेश किया। युवक महिला को देखकर चौंक उठे क्योंकि शायद बहुत दिनों बाद एक महिला और वह भी दोपहर के समय उनके कैफे पर आई थी। वे व्यस्त होने का नाटक करने लगे