जैसलमेर बोर्डर - 1

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ज़िदगी के सफ़र मे ना जानें किस मोड़ पर क्यां होता हे क्यूँ होता हे उनका ना तो हम अंदाजा लगा सकते हैं और ना तो हमें उनकीं खबर होतीं हैं,जाने हुए रास्तों पर भी मैंने ऐसे मोड़ पर गहरा जख्म खाया है,पोलिस की ड्यूटी होती हीं ऐसी है जहाँ पर हमें सिर्फ सिस्टम को फोलो करना होता है,लेकीन सिस्टम फोलो करने पर जान तो हमारी ही दाव पर लगती हें ना, यह उस रोज़ की बात हें जब में राजस्थान में अपनी ड्यूटी कर रहा था,एक आइपीएस होंने के नाते मुझे एक जिम्मेदारी सौंपी गई थीं और उसी जिम्मेदारी