नागरिक : पुलिसिया त्रासदी की कहानी

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कहानी समीक्षा**************************** नागरिक तमाशेबाज है। मदारी, सँपेरे, नीम -हकीम और सड़क किनारे होने वाले करतब-तमाशे देखने का उसका चस्का बचपन से ही है। वह मिस्टर न्यूज़मैन है। किसी को भी अपने पास बिठाकर उसे अखबारी खबरें सुनाना उसका पसंदीदा शगल है, क्योंकि उसका मानना है कि "आदमी ही आदमी को खींचता है"। राह चलते कोई भी मजबूर आदमी दिख जाए तो उसकी मदद करना नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझता है। लेकिन नागरिकता की इस जिम्मेदारी को निभाते हुए वह एक बार पुलिसिया चपेट में आ जाता है। और यहीं से शुरू होती है उसकी शारीरिक, मानसिक और