कमल पत्ते-सा हरा-भरा गाँव 

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अभी दीवाली के दिन आये नहीं हैं और हवा में ठंडक आ गयी है | ये बदलाव प्रकृति के समृद्ध होने का सूचक ही कहा जाएगा क्योंकि अभी तो ये आते हुए सितम्बर की शाम है और बहती हवा में सर्द खुनक दौड़ रही है | मन हो रहा है कि एक खादी का सूती दुपट्टा ओढ़ लें, थोड़ा मोटा कपड़ा होता है न खादी के दुपट्टे का | चाय का कप लिए आज ऐसे ही बालकनी में आने का मन हो गया | चारों ओर नहाए-धोये पेड़-पौधे ख़ुशी में सर हिला- हिला कर झूम रहे हैं | कोरोना ने