क्या नाम दूँ ..! - 2

  • 3.9k
  • 1
  • 1k

गातांक से आगे.... क्या नाम दूँ ..! अजयश्री द्वितीय अध्याय सूरज आज भी अपने समय और जगह पर था, बस दिन बदल गया पण्डित जटाशंकर मिश्र की टन-टन घंटी की अवाज के साथ बाबू टोला चिरगोड़ा में रोज सुबह की तरह “त्रयंबकम यजा महे... “महामृत्यंजय मन्त्र का जाप सुनाई दे रहा था पूजा ख़त्म करने बाद दलान में रखी चौकी पर बैठते हुए पं.जटाशंकर मिश्र ने आवाज लगाईं “परदेसिया ...!” “जी मालिक आया “ कहते हुए आवाज सुनते ही सब काम छोड़कर उनका नौकर परदेसी दौड़ पड़ा पहले से रखे गुड़ को खाकर लोटे से पानी पीने के बाद