बागी आत्मा 1

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बागी आत्मा 1 रचना काल-1970-71 उपन्यास रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो09425715707, , 8770554097 एक सुबह की किरणों ने सारी दुनियाँ को तो रात्री की अचेतन अवस्था से चेतन अवस्था में ला दिया, पर माधव के जीवन का दीपक बुझ चुका है। सुबह के सूर्य की किरणों के साथ तो वह नहीं बल्कि उसकी मृत्यु षैया उठी है। ज्यों ज्यों उसकी अन्तिम यात्रा श्मशान के निकट आती जा रही है